ट्रेड परिचय सुरक्षा व सावधानियाँ (Introduction to trade , safety and precautions ) iti fitter kya hai iti fitter information iti fitter question

फिटर क्या है | fitter kya hai | what is fitter |
फिटर (fitter) - अलग अलग पार्ट्स को जोड़ कर मशीन का रूप देता है जिसमे कुछ कार्य उसे मशीन पर तथा कुछ बेंच पर भी करना परता है। फिटर (fitter) को 75 % कार्य हाथ से करना पड़ता है तथा 25 % कार्य मशीनो पर करता है ।

फिटर क्या है | fitter kya hai | what is fitter | iti fitter information
फिटर (fitter) - अलग अलग पार्ट्स को जोड़ कर मशीन का रूप देता है जिसमे कुछ कार्य उसे मशीन पर तथा कुछ बेंच पर भी करना परता है। फिटर (fitter) को 75 % कार्य हाथ से करना पड़ता है तथा 25 % कार्य मशीनो पर करता है ।फिटर किसे कहते हैं ? | Fitter Kise Kahte Hain
अलग अलग पार्ट्स को जोड़ कर जो मशीन का रूप देता है या किसी भी तरह के फिटिंग का कार्य करता है उसे फिटर कहते हैं | जैसा की उपर बताया गया है की फिटर को 75% कार्य हाथो के द्वारा ही करना पड़ता, फिटर मशीन पर बहुत कम ही काम करते हैं|
फिटर का क्या कार्य है (fitter ka kya kaam hai ) फिटर क्या काम करता है ( fitter kya kaam karta hai )
फिटर (fitter) को 75 % कार्य हाथ से करना पड़ता है तथा 25 % कार्य मशीनो पर करता है । जो फिटर (fitter) जिस कार्य में दक्षता प्राप्त कर लेता है उसे उसी प्रकार के नाम से पुकारा जाता है ।फिटर का पूर्ण रूप क्या है (what is the full form of fitter ) fitter trade fitter ka full form
FITTER ( fitter ka full form ) फिटर का फुल फॉर्म फिटर का पूरा नाम क्या है?
✅ F - Fitness (शारीरिक रूप से सुदृढ़ ) fitter ka full form
✅ I - Intelligent (मानसिक रूप से सुदृढ़) fitter ka full form
✅ T - Talented (कार्य सिखने की योग्यता ) fitter ka full form
✅ T -
✅ E - Efficient (कार्य करने में कुशल ) fitter ka full form
✅ R - Regularity (नियमितता ) fitter ka full form
फिटर को कार्य के अनुसार 6 भागों में बाँटा गया है
✅ बेंच फिटर (bench fitter) - बेंच फिटर एक मौलिक फिटर है जो हर तरह की बेसिक जानकारी रखता है और अन्य फिटरों का कार्य भी सुचारु रूप से कर सकता है । बेंच फिटर को शारारिक व मानशिक रूप से मजबूत होना चाहिए ।
दुर्घटना क्या है दुर्घटना के क्या कारण है
दुर्घटना (accident) - किसी अनिश्चित समय तथा अनजाने में जान व माल की हानि का होना दुर्घटना कहलाती है । कई दुर्घटनाएं श्रमिक की कार्य की तरफ अरुचि व सुरक्षा नियमो का सही तरीके से पालन न करने से होती है ।
✅ दुर्घटना होने का मुख्य कारण निम्नलिखित प्रकार के होते है
उत्सुकता , चलती मशीन से छेड़छाड़ करना , आसपास का वातावरण , मशीनों और टूलों की स्थिति , अज्ञानता , ज्यादा विश्वाश , कार्य में अरुचि का होना..
✅ I - Intelligent (मानसिक रूप से सुदृढ़) fitter ka full form
✅ T - Talented (कार्य सिखने की योग्यता ) fitter ka full form
✅ T -
✅ E - Efficient (कार्य करने में कुशल ) fitter ka full form
✅ R - Regularity (नियमितता ) fitter ka full form
फिटर कितने प्रकार के होते है (types of fitter ) iti fitter information
फिटर को कार्य के अनुसार 6 भागों में बाँटा गया है
✅ बेंच फिटर (bench fitter) - बेंच फिटर एक मौलिक फिटर है जो हर तरह की बेसिक जानकारी रखता है और अन्य फिटरों का कार्य भी सुचारु रूप से कर सकता है । बेंच फिटर को शारारिक व मानशिक रूप से मजबूत होना चाहिए ।
कुशलता के आधार पर फिटर निम्नलिखित हो सकते है
- मशीन टूल फिटर (machine tool fitter)
- ऑटो फिटर (auto fitter)
- पेट्रोल या डीजल इंजन फिटर (petrol or diesel engine fitter)
- विधुत फिटर (electric fitter)
- खान फिटर (mining fitter)
- रेलवे में लोकोमोटिव फिटर (locomotive fitter in railway)
- टरबाइन फिटर (turbine fitter)
फिटर को निम्नलिखित कार्यो में निपुण होना चाहिए
- फाइलिंग (filing)
- कटिंग (cutting)
- ड्रिलिंग (drilling)
- मापना (measuring)
- रीमिंग (reaming)
- टेपिंग (tapping)
- थ्रेडिंग (threading)
- वेल्डिंग (welding)
- ग्राइंडिंग (grinding)
- मरम्मत (maintenance)
- टर्निंग (turning)
- खुरचना (scraping)
दुर्घटना क्या है दुर्घटना के क्या कारण है
( what is accident ) (accident kya hai ) fitter trade
दुर्घटना (accident) - किसी अनिश्चित समय तथा अनजाने में जान व माल की हानि का होना दुर्घटना कहलाती है । कई दुर्घटनाएं श्रमिक की कार्य की तरफ अरुचि व सुरक्षा नियमो का सही तरीके से पालन न करने से होती है ।✅ दुर्घटना होने का मुख्य कारण निम्नलिखित प्रकार के होते है
उत्सुकता , चलती मशीन से छेड़छाड़ करना , आसपास का वातावरण , मशीनों और टूलों की स्थिति , अज्ञानता , ज्यादा विश्वाश , कार्य में अरुचि का होना..
सुरक्षा सावधानियाँ (Safety & Precautions) :-
कार्यशाला में कार्य करते समय प्रत्येक कारीगर को अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए । क्युकी आपने सुना होगा की सावधानी हटी और दुर्घटना घटी इस लिए कार्य करते समय छोटी छोटी गलतियों पर भी ध्यान रखना चाहिए । सुरक्षा सामान्यता तीन प्रकार के होते हैं ।
- अपनी सुरक्षा (Self Safety)
- सामान्य सुरक्षा (General Safety)
- मशीन की सुरक्षा (Machine Safety)
अपनी सुरक्षा (Self Safety) : - कारीगर को अपनी सुरक्षा के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
✅ मशीन पर कार्य करते समय कभी भी ढीले कपडे नहीं पहनने चाहिए ।
✅कारखानों में नंगे पाँव कार्य नहीं करना चाहिए , चप्पल या जूतों का इस्तेमाल करना चाहिए ।
✅ कार्य पूरी लगन और ध्यान से करना चाहिए ।
✅ मशीन पर कार्य करते समय घडी , अंगूठी , टाई , या कडा आदि नहीं पहनना चाहिए ।
✅ चलती मशीन को कभी भी हाथ से नहीं रोकना चाहिए ।
✅ जिस मशीन के बारे में जानकारी ना हो उसे खुद से नहीं चलाना चाहिए जब तक वहां कोई बताने वाला न हो ।
✅ कार्य करते समय किसी के साथ मजाक नहीं करना चाहिए नहीं तो मजाक मजाक में ही किसी की जान में जा सकती है चलती मशीन से ।
✅ मशीन द्वारा कटा हुआ बुरादा हाथ से नहीं हटाना चाहिए , इसके लिए क्लीनिंग ब्रूस का उपयोग करना चाहिए ।
✅ जिस भी मशीन पर कार्य कर रहें हो वहां अच्छी रौशनी की व्यवस्था होनी चाहिए अँधेरे में मशीन का उपयोग नहीं करना चाहिए ।
✅ आँखों की सुरक्षा के लिए हमेशा चश्मे का प्रोयोग करना चाहिए ।
सामान्य सुरक्षा (General Safety) :- सामान्य सुरक्षा के लिए कारीगर को निम्न बातो पर ध्यान देना चाहिए :-
✅ जिस मशीन के बारे में जानकारी ना हो उसे नहीं चलाना चाहिए ।
✅ मशीन को चलाने से पहले उसे अच्छी तरह से साफ़ कर उसमे तेल , ग्रीस आदि डाल देना चाहिये ।
✅ चलती मशीन की कभी मरम्मत नहीं करनी चाहिए , मशीन को ठीक करने से पहले मेन स्विच जो जरुर बंद करें ।
✅ मशीन को बंद करने के बाद कभी भी घूमते हुए पार्ट को हाथ से नहीं रोकना चाहिए ।
✅ चल रही मशीन पर सहारा लेकर खड़ा नही होना चाहिए ।
✅ मापी औजार को कटिंग टूल से अलग रखना चाहिए ।
मशीन की सुरक्षा (Machine Related Safety) :- कारीगर को मशीन को निजी संम्पत्ति मानकर उसकी सुरक्षा व रख रखाव करना चाहिए, खराब मशीन से उत्पादन की गति धीमी पर जाती है , मशीन के साथ साथ समस्त औजारों की भी देखभाल करनी चाहिए। मशीन से सम्बंधित सुरक्षा में निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
✅ जिस मशीन पर कार्य करना हो उसकी पूर्ण जानकारी होनी चाहिए ।
✅ कार्य करने से पहले मशीन की जानकारी ले लेनी चाहिए की मशीन ठीक से कार्य कर रही है या उसमे कुछ खराबी है ।
✅ चलती मशीन पर कभी भी किसी मापी यन्त्र से माप नहीं लेना चाहिए ।
✅ जब मशीन गति में हो तो उसके गियर को नहीं बदलना चाहिए , इससे गियर टूट सकती है ।
✅ चलती मशीन को छोड़ कर बहार नहीं जाना चाहिए क्युकी कोई अनजान कारीगर दुर्धटनाग्रस्त हो सकते है अनजाने में ।
✅ कार्य के बाद मशीन को हमेशा साफ़ करना चाहिए ।
✅ बिजली के नंगे तारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए इससे बिजली के झटके लगने की सम्भावना बढ़ जाती है ।
✅ औजार तथा अन्य चीजों को चलती मशीन से दूर रखना चाहिए ।